उत्तराखंड

दुःखद: मशहूर कहानीकार सुभाष पंत के निधन से साहित्य जगत में शोक

बीते मार्च में उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आयोजित साहित्योत्सव में उन्हें उत्तराखंड साहित्य भूषण समान से नवाजा गया था।

उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित कहानीकार सुभाष पंत का सोमवार की सुबह निधन हो गया। नेशविला रोड स्थित आवास पर 86 वर्षीय पंत ने अंतिम सांस ली।  साहित्य जगत से जुड़े लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

सुभाष पंत को एक रात का फासला, छोटा हुआ आदमी, एक का पहाड़ा, पहाड़ चोर, मुन्नी बाई की प्रार्थना, पहाड़ की सुबह, सुबह का भूला, सिंगिंग बेल, इक्कीसवीं सदी की एक दिलचस्प दौड़ जैसी कृतियों ने विशेष पहचान दिलाई थी। बीते मार्च में उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आयोजित साहित्योत्सव में उन्हें उत्तराखंड साहित्य भूषण समान से नवाजा गया था।

इस दौरान उन्होंने एक सत्र में उत्तराखंड आंदोलन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की सराहना की थी। उनका कहना था कि इससे उत्तराखंड आंदोलन को नई पीढ़ी बारीकी से जान पाएगी। प्रदेश के शहादत भरे इतिहास की जानकारी हमारे बच्चों को होनी ही चाहिए। उन्हें अपनी विभूतियों के बारे में भी जानना चाहिए।

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